RBI New Bank Rules – अगर आपका बैंक अकाउंट SBI, PNB या BOB जैसे सरकारी बैंकों में है, तो ये खबर आपके लिए बेहद काम की है। दरअसल, 1 अप्रैल 2025 से बैंकिंग से जुड़े कुछ नए नियम लागू कर दिए गए हैं, जो आपकी रोजमर्रा की बैंकिंग पर सीधा असर डाल सकते हैं। RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने ये बदलाव ग्राहकों की सुरक्षा और बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी बनाने के मकसद से किए हैं।
अब चाहे आप नौकरीपेशा हों, रिटायर्ड हों, स्टूडेंट हों या बिजनेस करते हों – इन नए नियमों को जानना आपके लिए जरूरी है, वरना आगे चलकर आपको कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।
क्या-क्या बदल गया है – जानिए मुख्य बातें
फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग अकाउंट में बदलाव
अब SBI, PNB और BOB जैसे बड़े सरकारी बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बदलाव हुआ है। जहां एक तरफ 1 से 3 साल की FD पर ब्याज थोड़ा कम कर दिया गया है, वहीं 5 साल या उससे ज्यादा की FD पर खासतौर से सीनियर सिटीजन को 0.50 फीसदी तक ज्यादा ब्याज मिलेगा।
सेविंग अकाउंट में भी बदलाव हुआ है। SBI ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट को थोड़ा कम कर दिया है, जिससे छोटे खाताधारकों को राहत मिलेगी। साथ ही सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर 2.70 फीसदी या उससे ज्यादा तक पहुंच चुकी है।
KYC अपडेट जरूरी, वरना खाता हो सकता है फ्रीज
अगर आपने काफी समय से अपने बैंक अकाउंट की KYC अपडेट नहीं करवाई है, तो सावधान हो जाइए। RBI ने साफ कर दिया है कि अब हर 2 से 3 साल में KYC अपडेट करना अनिवार्य होगा। अगर आपने ऐसा नहीं किया और खाते में कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ, तो आपका अकाउंट इनऐक्टिव हो सकता है और बैंक उसे फ्रीज भी कर सकता है। फिर आप न तो पैसा निकाल पाएंगे और न ही जमा कर पाएंगे।
ATM और UPI ट्रांजेक्शन की लिमिट पर नया नियम
अब ATM और UPI से फ्री ट्रांजेक्शन की लिमिट को घटा दिया गया है। तय लिमिट के बाद हर बार जब आप एटीएम से पैसा निकालेंगे, तो 20 से 25 रुपये तक का चार्ज लग सकता है। UPI को लेकर भी RBI ने कुछ नए सिक्योरिटी फीचर्स लागू किए हैं। अब एक दिन में ट्रांजेक्शन लिमिट तय कर दी गई है और हर बड़े ट्रांजेक्शन पर OTP या पिन वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है।
कैश ट्रांजेक्शन पर सख्ती
अगर आप बैंक में 50 हजार रुपये या उससे ज्यादा कैश जमा या निकालते हैं, तो अब PAN या आधार दिखाना जरूरी हो गया है। इतना ही नहीं, अगर आप महीने भर में 20 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश निकालते हैं, तो उस पर TDS भी कटेगा। सरकार का मकसद इससे टैक्स चोरी रोकना है।
माइनर अकाउंट और डिजिटल बैंकिंग के नए नियम
अब अगर आपके बच्चे की उम्र 10 साल या उससे ज्यादा है, तो वो खुद अपना बैंक अकाउंट चला सकता है – लेकिन ये बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करेगा। डिजिटल बैंकिंग के मामले में भी फिशिंग और फ्रॉड से बचाव के लिए एक नया नियम लागू हुआ है। अब सिर्फ .bank.in या .fin.in जैसे डोमेन वाले लिंक ही मान्य होंगे। यानी अगर किसी फेक वेबसाइट से लिंक आया है, तो उसमें क्लिक करने से पहले सतर्क रहें।
नए नियमों का असर क्या पड़ेगा
इन नए नियमों का असर सीधा ग्राहकों पर पड़ेगा। KYC अपडेट न कराने वाले लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। वहीं ATM और UPI ट्रांजेक्शन लिमिट का ध्यान न रखने पर बेवजह का चार्ज देना पड़ सकता है। सीनियर सिटीजन को FD पर ज्यादा ब्याज मिलना एक राहत भरी बात है। इसके अलावा डिजिटल बैंकिंग और ट्रांजेक्शन से जुड़ी सख्ती से फ्रॉड और टैक्स चोरी पर रोक लगाई जा सकेगी।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए
- अगर आपका KYC अपडेट नहीं है, तो जल्दी से बैंक जाकर डॉक्युमेंट जमा करवा दें
- FD और सेविंग अकाउंट पर नई ब्याज दरें जान लें और फिर निवेश का फैसला लें
- ATM और UPI ट्रांजेक्शन करते वक्त लिमिट का ध्यान रखें
- कैश लेनदेन करते वक्त आधार या पैन कार्ड साथ रखें
- सिर्फ ऑफिशियल बैंकिंग वेबसाइट या ऐप का ही इस्तेमाल करें
- बच्चों के खाते के लिए बैंक की पॉलिसी को समझ लें
SBI, PNB और BOB जैसे सरकारी बैंकों के लिए 1 अप्रैल 2025 से लागू हुए ये नए नियम ग्राहकों की सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। अगर आप इन नियमों को समय रहते समझकर जरूरी बदलाव कर लेते हैं, तो आप बैंकिंग को और भी आसान और सुरक्षित बना सकते हैं।
तो अब बिना देर किए अपने बैंक की ब्रांच से संपर्क करें या ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉगइन करके अपनी डिटेल्स अपडेट करें। जागरूक रहिए, सतर्क रहिए और स्मार्ट बैंकिंग कीजिए।