DA Arrears – अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके लिए खास है। सरकार ने जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता यानी डीए में 2 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है, जिससे डीए अब 55 प्रतिशत हो गया है। अच्छी बात ये है कि जनवरी से मार्च 2025 तक के तीन महीने का बकाया डीए अब अप्रैल की सैलरी के साथ मिलेगा। लेकिन एक पुराना मुद्दा है, जो अब भी अधूरा है – और वो है कोरोना काल में रोके गए 18 महीने के डीए एरियर का।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर सरकार कब तक इस मामले पर चुप्पी साधे रहेगी। कर्मचारियों की उम्मीदें अब भी जिंदा हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा। चलिए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।
क्या है 18 महीने के डीए एरियर का मामला
कोरोना महामारी के समय, यानी जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक सरकार ने कर्मचारियों के डीए पर रोक लगा दी थी। इस दौरान तीन किस्तों में मिलने वाला डीए नहीं दिया गया। सरकार ने उस समय ये फैसला आर्थिक संकट का हवाला देकर लिया था और करीब 34 हजार करोड़ रुपये बचा लिए थे। हालांकि जुलाई 2021 से डीए दोबारा मिलने लगा, लेकिन उस 18 महीने के डीए का क्या हुआ, इसका जवाब आज तक नहीं मिला है।
कर्मचारी संगठन लगातार लगा रहे हैं गुहार
नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ जैसे संगठन इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं। संगठन के नेता सी श्रीकुमार ने बताया कि कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा गया है और वित्त मंत्रालय को भी इस बारे में एक रिपोर्ट दी गई है। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी रखा गया सामने
कर्मचारी संगठनों ने सरकार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला भी दिया है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि अगर कर्मचारियों का कोई भुगतान रोका गया है तो उन्हें ब्याज के साथ उसका भुगतान किया जाना चाहिए। कोर्ट ने छह प्रतिशत ब्याज के साथ एरियर देने की बात कही थी। लेकिन सरकार इस बात को भी नजरअंदाज कर रही है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है।
सरकार का जवाब – अभी हालात नहीं हैं अनुकूल
सरकार मानती है कि डीए एरियर को लेकर मांग की जा रही है, लेकिन उसका तर्क है कि फिलहाल आर्थिक हालात इसकी इजाजत नहीं देते। वित्त राज्य मंत्री ने संसद में भी बताया कि सरकार का राजकोषीय घाटा अभी बहुत ज्यादा है और FRBM एक्ट के तय स्तर से दोगुना चल रहा है। इसलिए सरकार के पास फिलहाल इतना फंड नहीं है कि वो एक साथ 34 हजार करोड़ रुपये खर्च कर सके।
कर्मचारी संगठन दे चुके हैं कई सुझाव
सी श्रीकुमार का कहना है कि सरकार को कई विकल्प दिए गए हैं। जैसे कि एरियर की राशि को किस्तों में दिया जा सकता है या फिर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जा सकती है। लेकिन इन सभी सुझावों पर अभी तक कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है।
अब भी बाकी है इंतजार
सरकार ने जहां एक ओर जनवरी 2025 से डीए में बढ़ोतरी का ऐलान करके कुछ राहत दी है, वहीं 18 महीने के पुराने डीए एरियर को लेकर स्थिति अब भी साफ नहीं है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर सरकार अभी भुगतान नहीं कर सकती तो कम से कम एक समयसीमा तो तय करे। लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई आश्वासन नहीं मिल रहा।
कर्मचारियों की बढ़ती मायूसी
सरकार के इस रुख से हजारों कर्मचारियों और पेंशनर्स में निराशा फैल रही है। लोगों को उम्मीद थी कि अब जब हालात सामान्य हो गए हैं तो सरकार पुराना बकाया भी दे देगी, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। कर्मचारी संगठन कहते हैं कि वे अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और जब तक न्याय नहीं मिलता, लड़ाई जारी रखेंगे।
आगे क्या
अभी के हालात देखकर यही लगता है कि सरकार जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने वाली। लेकिन अगर आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार होता है और कर्मचारियों का दबाव बना रहता है, तो हो सकता है कि सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाए।
फिलहाल तो केंद्रीय कर्मचारियों को सिर्फ डीए बढ़ोतरी से संतोष करना होगा। लेकिन 18 महीने के डीए एरियर को लेकर सरकार कब तक इंतजार करवाएगी, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।