Bank Cheque Rule – अगर आप भी बैंक में चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो यह जानकारी आपके बहुत काम की है। चेक एक ऐसा कागज है, जिसकी मदद से आप बैंक को यह आदेश देते हैं कि वो आपके खाते से किसी को तय राशि का भुगतान करे। ये एक भरोसेमंद और सुरक्षित तरीका है, लेकिन इसके साथ कुछ नियम भी आते हैं, जिन्हें हर बैंक ग्राहक को जरूर जानना चाहिए। खासकर जब बात चेक के पीछे साइन करने की हो। चलिए, आपको आसान भाषा में बताते हैं कि कब और कैसे चेक पर साइन करना चाहिए।
चेक कितने तरह के होते हैं
बैंकिंग में दो तरह के चेक आमतौर पर देखने को मिलते हैं – बियरर चेक और क्रॉस्ड चेक।
बियरर चेक वो होता है जिसमें “या वाहक” लिखा होता है और जिसे कोई भी व्यक्ति बैंक जाकर पैसे के बदले जमा कर सकता है। इसमें नाम जरूरी नहीं होता, यानी जिसने चेक पकड़ा है वही पैसे ले सकता है।
दूसरी तरफ, क्रॉस्ड चेक में दो लाइनें खींची जाती हैं और इसमें सिर्फ उस व्यक्ति के खाते में पैसा ट्रांसफर होता है जिसका नाम लिखा होता है। इसे बैंक कैश में नहीं देता, सिर्फ अकाउंट में जमा होता है। इसलिए यह ज्यादा सुरक्षित होता है।
चेक के पीछे साइन कब और क्यों किया जाता है
अब बात करते हैं चेक के पीछे साइन करने की। दरअसल, हर चेक के पीछे साइन करना जरूरी नहीं होता। ये सिर्फ बियरर चेक के लिए जरूरी होता है, जब आप उस चेक को किसी और को देना चाहते हैं। इसे एंडोर्समेंट कहते हैं। जब आप पीछे साइन करते हैं, तो आप उस चेक के अधिकार किसी और को दे रहे होते हैं, जिससे वह व्यक्ति बैंक जाकर पैसे निकाल सकता है या चेक को अपने खाते में जमा कर सकता है।
लेकिन ध्यान रखें, ऐसा करने से एक जोखिम होता है। क्योंकि अगर वह चेक किसी गलत व्यक्ति के हाथ लग गया, तो पैसा निकल सकता है और आपको नुकसान हो सकता है।
बियरर चेक के खतरे
बियरर चेक जितना आसान लगता है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है। चूंकि इसमें नाम नहीं होता, इसलिए कोई भी व्यक्ति इसे बैंक में दिखाकर पैसे निकाल सकता है। अगर ये चेक खो जाए या गलत हाथों में पहुंच जाए, तो नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे मामलों में बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती, क्योंकि बैंक उसे मान्य लेन-देन मानता है। इसलिए बियरर चेक सिर्फ भरोसेमंद व्यक्ति को ही दें और राशि साफ-साफ लिखें।
सावधानियां जो आपको जरूर बरतनी चाहिए
- विश्वसनीय व्यक्ति को ही चेक दें – किसी अनजान या संदिग्ध व्यक्ति को कभी भी चेक न दें।
- पीछे साइन करते समय साफ निर्देश दें – जैसे कि “फॉर अकाउंट पेई ओनली” या “केवल (व्यक्ति का नाम) के लिए” ताकि कोई और उसका गलत इस्तेमाल न कर सके।
- खाली चेक पर कभी साइन न करें – पहले सभी जानकारी भरें, फिर ही साइन करें।
- सही तारीख और राशि भरें – गलत या अधूरी जानकारी से चेक अमान्य हो सकता है।
क्रॉस्ड चेक कैसे बनाएं
अगर आप सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो चेक को क्रॉस कर दीजिए। इसके लिए चेक के ऊपर दो लाइनें खींचें और बीच में “अकाउंट पेई” या “नॉट नेगोशिएबल” लिख दें। इससे चेक सिर्फ उस व्यक्ति के खाते में जाएगा, जिसे आपने दिया है। नकद में पैसा नहीं निकलेगा।
कुछ जरूरी नियम जो हर किसी को पता होने चाहिए
– चेक पर तारीख जरूर लिखें, बिना तारीख वाला चेक मान्य नहीं होता।
– चेक की वैधता सिर्फ 3 महीने होती है।
– राशि को शब्दों और अंकों दोनों में लिखें और दोनों में मेल होना जरूरी है।
– चेक जारी करने वाला सिग्नेचर वही होना चाहिए जो बैंक रिकॉर्ड में हो।
– ओवरराइटिंग से बचें, वरना चेक रद्द हो सकता है।
चेक बाउंस होने पर क्या होता है
अगर आपने किसी को चेक दिया और आपके खाते में पैसे नहीं थे, तो वह चेक बाउंस हो जाएगा। यह एक गंभीर मामला है। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अनुसार, इसके लिए आप पर केस चल सकता है और जुर्माना या जेल भी हो सकती है। साथ ही आपकी क्रेडिट रिपोर्ट भी खराब हो सकती है, जिससे लोन लेने में दिक्कत आ सकती है।
डिजिटल पेमेंट का भी करें इस्तेमाल
आजकल डिजिटल जमाना है और आप UPI, IMPS, NEFT जैसे विकल्पों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये न सिर्फ तेज़ हैं, बल्कि सुरक्षित भी हैं। लेकिन कुछ जगह आज भी चेक की जरूरत पड़ती है, खासकर बड़ी रकम या कानूनी पेमेंट में। ऐसे में चेक इस्तेमाल करते वक्त ऊपर बताई गई सावधानियां जरूर रखें।
चेक का इस्तेमाल करना आसान है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी के साथ करना जरूरी है। खासकर अगर आप बियरर चेक दे रहे हैं या चेक के पीछे साइन कर रहे हैं, तो सोच-समझकर कदम उठाएं।