CIBIL Score – आज के समय में अगर आपको लोन चाहिए, क्रेडिट कार्ड चाहिए या किसी भी बैंकिंग सर्विस का फायदा लेना है, तो सबसे पहले देखा जाता है – आपका CIBIL Score. ये नंबर आपकी फाइनेंशियल सेहत का आईना होता है। जितना अच्छा स्कोर, उतना आसान लोन और उतनी कम ब्याज दर। लेकिन अगर आपका स्कोर खराब है, तो न सिर्फ लोन मिलने में दिक्कत होती है बल्कि ब्याज भी ज्यादा देना पड़ता है।
कई बार लोग समझ नहीं पाते कि उनका स्कोर अच्छा होते हुए भी अचानक क्यों गिर गया। असल में, कुछ छोटी-छोटी गलतियां हैं जो जाने-अनजाने में हम कर बैठते हैं और इसका सीधा असर हमारे सिबिल स्कोर पर पड़ता है।
आज हम आपको बताएंगे कि वो चार सबसे बड़ी गलतियां कौन-सी हैं जो सिबिल स्कोर को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं, और कैसे आप इनसे बचकर अपना स्कोर बेहतर रख सकते हैं।
समय पर भुगतान न करना
सबसे पहली और सबसे आम गलती है – लोन की EMI या क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर न भरना। कई बार लोग सिर्फ 500 रुपये की EMI भी चूक जाते हैं और उन्हें लगता है कि इससे क्या फर्क पड़ेगा। लेकिन हकीकत ये है कि ऐसी एक गलती से आपका सिबिल स्कोर 50 से 100 पॉइंट तक गिर सकता है।
समय पर भुगतान न होने पर बैंक आपकी रिपोर्ट में डिफॉल्टर की तरह जानकारी भेजता है, जिससे आपकी विश्वसनीयता कम हो जाती है। अगर आप बार-बार ऐसा करते हैं, तो स्कोर लगातार नीचे जाता रहेगा।
क्रेडिट लिमिट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल
अगर आप हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 80 से 90 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल कर लेते हैं, तो यह भी सिबिल स्कोर के लिए खतरे की घंटी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आपको अपनी क्रेडिट लिमिट का 30 फीसदी से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
उदाहरण के लिए, अगर आपके कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है, तो कोशिश करें कि हर महीने 30 हजार से ज्यादा खर्च न करें। ज्यादा इस्तेमाल करने से बैंक को लगता है कि आप कर्ज पर ज्यादा निर्भर हैं।
बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना
आपने एक बार क्रेडिट कार्ड लिया, फिर 3 महीने बाद और एक कार्ड के लिए अप्लाई किया। फिर लोन के लिए अप्लाई किया – अगर आप ऐसा बार-बार करते हैं तो ये आदत भी आपके सिबिल स्कोर को गिरा सकती है।
हर बार जब आप कोई नया लोन या कार्ड मांगते हैं, तो बैंक आपके CIBIL डेटा को चेक करता है जिसे Hard Inquiry कहते हैं। ज्यादा बार ये इनक्वायरी होने से स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ता है। इसलिए जरूरत हो तभी अप्लाई करें।
रिपोर्ट में गलत जानकारी होना
कई बार आप तो सबकुछ ठीक कर रहे होते हैं, लेकिन फिर भी स्कोर गिरा हुआ दिखता है। इसकी वजह हो सकती है – आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती। जैसे कि आपने लोन चुका दिया है लेकिन रिपोर्ट में अपडेट नहीं हुआ, या आपका नाम किसी गलत डिफॉल्ट लोन के साथ जुड़ गया है।
ऐसी गलतियों से बचने के लिए आपको हर 6 महीने में कम से कम एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक जरूर करनी चाहिए। अगर कुछ गड़बड़ मिले तो तुरंत सुधार की प्रक्रिया शुरू करें।
और भी कारण जो स्कोर गिरा सकते हैं
- बहुत ज्यादा कर्ज लेना – अगर आपके ऊपर पहले से कई लोन और कार्ड का बोझ है और आप फिर भी नई फाइनेंसिंग ले रहे हैं, तो ये भी बैंक को खतरे का संकेत देता है।
- क्रेडिट हिस्ट्री का न होना – अगर आपने कभी कोई लोन नहीं लिया या कार्ड नहीं लिया, तो आपके स्कोर का आधार ही नहीं बनता। इससे भी स्कोर कम दिखता है।
- सिर्फ अनसिक्योर्ड लोन लेना – अगर आपके पास सिर्फ पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड हैं और कोई होम लोन या ऑटो लोन जैसा सिक्योर लोन नहीं है, तो स्कोर पर असर पड़ता है।
- बार-बार कार्ड खोलना और बंद करना – हर साल नया कार्ड लेना और पुराने को बंद करना, ये भी फाइनेंशियल प्लानिंग की कमजोरी दिखाता है।
खराब स्कोर से होने वाला नुकसान
- लोन मिलने में मुश्किल
- ब्याज दर ज्यादा
- लिमिट कम मिलती है
- बेहतर ऑफर और प्रीमियम कार्ड नहीं मिलते
- भविष्य में घर, गाड़ी या बिजनेस लोन लेना मुश्किल
सिबिल स्कोर कैसे सुधारे?
- सभी भुगतान समय पर करें
- क्रेडिट कार्ड लिमिट का सीमित इस्तेमाल करें
- बार-बार नया लोन या कार्ड न लें
- रिपोर्ट साल में एक बार जरूर चेक करें
- सिक्योर और अनसिक्योर लोन में बैलेंस रखें
- अगर गलती दिखे तो फौरन सुधार करवाएं
सिबिल स्कोर कोई रॉकेट साइंस नहीं है। ये बस आपकी जिम्मेदार फाइनेंशियल आदतों का रिफ्लेक्शन है। अगर आप समय पर भुगतान करते हैं, लिमिट में रहते हैं, और रिपोर्ट पर नजर रखते हैं, तो आपका स्कोर हमेशा अच्छा बना रहेगा। छोटी चूक से भी बड़ा नुकसान हो सकता है, इसलिए सतर्क रहें और समझदारी से फैसले लें।